स्त्री
अपने एकांत में ही
स्त्री होती है
बाकी समय
वह केवल सम्बन्ध होती है |
-Naresh Mehta
Friday, December 04, 2009
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ये चेंद कविताएँ है... कुछ मैने लिखी हैं, कुछ मेरे परिवार ने; मेरे पति, मेरे पापाजी (father-in-law)